चुनावी रैली के लिए मंडला पहुंची प्रियंका गांधी पर भाजपा ने दागे सवाल
भोपाल, 12 अक्टूबर। मध्यप्रदेश के मंडला में कांग्रेस की चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंची प्रियंका गांधी पर भाजपा ने तीखे सवाल दाग दिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रियंका गांधी ने सीधे पूछा कि क्या कांग्रेस पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) की समर्थक हैं, जबकि पीएफआई एक आतंकी संगठन है। एनआईए द्वारा पीएफआई पर की गई कार्यवाही पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा सवाल उठाए जाना कई तरह के प्रश्न खडे़ करता है। सीएम ने पूछा कि कांग्रेस के पास उनके नेताओं द्वारा आतंकी संगठन का समर्थन करने का क्या जवाब है? क्या पार्टी आतंकी संगठन का समर्थन करती है।
मंडला रैली में पहुंचने से पहले ही प्रियंका गांधी पर सवालों की बौछार कर दी गई। दरअसल कांग्रेसी नेताओं की गलत बयानबाजी उनके राष्ट्रप्रेम को संदेह के घेरे में खड़ा करती रही है। सीएम शिवराज ने कहा कि कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने आतंकी संगठन पीएफआई पर एनआईए की कार्यवाही पर सवाल खड़े किए। इस कार्यवाही को कांग्रेस ने गलत बताया है, जिसका सीधा मतलब निकलता है कि कांग्रेस आतंकी संगठन का समर्थन करती है। सीएम शिवराज ने प्रियंका गांधी से सवाल किया कि आपकी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पीएफआई पर कार्यवाही का विरोध कर रहे हैं। क्या यही कांग्रेस का स्टैंड है? सीएम ने कहा कि जांच एजेंसियों ने यह बात साबित कर दी है कि पीएफआई टेरर फंडिंग करती है तथा संगठन आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त है। वह देश के दुश्मन हैं। ऐसे संगठन का समर्थन करना क्या दिखाता है? मुख्यमंत्री चौहान ने पूछा कि आतंकवादियों का महिमा मंडन करना, सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध करना, पीएफआई पर कार्रवाई का विरोध करने वाले बयान से क्या आप (प्रियंका) भी सहमत हैं? मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश की जनता को इस बात का जवाब देना होगा।
कांग्रेस सरकार में बंद हुई आदिवासी बहनों की सहायता राशि
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रियंका गांधी मंडला आ रही हैं, यह एक आदिवासी जिला है। प्रियंका को इस बात का जवाब देना होगा कि कांग्रेस के कार्यकाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा कार्यकाल में शुरू की गई बैगा, भारिया, तथा सहरिया जाति की पिछड़ी बहनों को मिलने वाली एक हजार रुपए की आर्थिक सहायता को बंद कर दिया था। सीएम ने कहा कि आज वहीं आदिवासी बहनें जवाब मांग रही हैं कि उनकी सहायता राशि बंद क्यों की गई ?
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