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11 November 2023

अपने ही विधानसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा में घिरते नजर आ रहे पूर्व मुख्यमंत्री


 चुनावी प्रचार परिदृश्य में कमलनाथ 


 स्टार प्रचारक, पूर्व मुख्यमंत्री की प्रदेश के विधानसभा चुनाव से दूरी


भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के राजनीतिक परिदृश्य में अब मतदान को एक तरफ जहां मात्र 10 दिन सही रह गए हैं वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी कई राष्ट्रीय चुनावी सर्वे में पिछड़ने के बाद अब प्रदेश स्तर पर भारतीय जनता पार्टी की रणनीति में पूरी तरह घिरती हुई नजर आ रही है । मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव को लेकर लगभग 6 चुनावी सर्वे में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक एवं पूर्व मुख्यमंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र अर्थात छिंदवाड़ा में ही सीमित दिखाई दे रहे हैं । छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र की 6 विधानसभा सीटों में वर्तमान सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ एवं उनकी पत्नी लगातार सपरिवार एक तरफ जहां सक्रिय नजर आ रहे हैं वहीं दूसरी ओर कमलनाथ पिछले लगभग 7 दिन से मध्य प्रदेश में किसी भी बड़े कार्यक्रम में स्टार प्रचारक की भूमिका में अथवा शामिल होते हुए दिखाई नहीं दिए ।


 1996 में हजारों वोटों से हारे कमलनाथ अपनी ही रणनीति में उलझे ।


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के मुखिया कमलनाथ को उनके ही विधानसभा क्षेत्र में कुछ इस तरह से उलझा कर रख दिया है कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र से बाहर ही नहीं आ पा रहे हैं । भारतीय जनता पार्टी की यह रणनीति अब विधानसभा चुनाव के 10 दिन पहले कारगर होती हुई दिखाई दे रही है। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की जो स्थिति वर्ष 1996 में स्पष्ट रूप से दिखाई दी थी, जिसमें 30000 से अधिक वोटों से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने उन्हें हरा दिया था । आज वैसी ही स्थिति का सामना कमलनाथ को करना पड़ सकता है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने 25 मार्च को छिंदवाड़ा में जनसभा संबोधित करते समय इस रणनीति की रचना की थी । वर्ष 1996 में जब मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार थी तब लोकसभा की सीट छिंदवाड़ा से कमलनाथ की पत्नी के पास सांसद के रूप में थी । वर्ष 1996 में अचानक कमलनाथ की पत्नी ने इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद उपचुनाव में कमलनाथ ने स्वयं को उतार दिया । भारतीय जनता पार्टी की रणनीति कुछ इस तरह से तत्कालीन समय में सामने आई कि मध्य प्रदेश के चुनाव में कमलनाथ को 38000 वोटों से हारना पड़ा एवं पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने यह चुनाव जीता । कुल मिलाकर वर्तमान छिंदवाड़ा का राजनीतिक परिदृश्य कुछ ऐसी ही स्थितियां बयान करता हुआ नजर आता है ।


विधानसभा चुनाव के मतदान को मात्र 10 दिन शेष परंतु नदारद हैं कमलनाथ । 


मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के मतदान में मात्र 10 दिन बचे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की चुनावी रणनीति के अंतर्गत मध्य प्रदेश में प्रियंका गांधी से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अन्य स्टार प्रचारकों के लगातार दौरे संपूर्ण मध्य प्रदेश में सामने आ रहे हैं । परंतु इन दोनों के बीच सबसे आश्चर्यजनक एवं अतिश्योक्तिपूर्ण राजनीतिक चर्चा का विषय यह सामने आया है कि कमलनाथ पिछले लगभग 7 दिनों से केवल और केवल छिंदवाड़ा तक सीमित हो गए हैं । कांग्रेस पार्टी के चुनावी कार्यक्रमों के अनुसार आने वाले तीन दिवस एवं लगभग दो दिन दीपावली के धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन के बीच कुल मिलाकर पांच दिन से अधिक समय तक कमलनाथ का कोई भी स्टार प्रचारक के रूप में कार्यक्रम सामने नहीं आया है । ऐसी स्थिति में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व संगठन मंत्री एवं 8 वर्ष तक कार्यालय मंत्री रहे सत्येंद्र भूषण सिंह का कहना है कि वर्तमान छिंदवाड़ा की राजनीतिक तस्वीर में वर्ष 1996 की पुनरावृति हो जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है । अर्थात कमलनाथ अपनी छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में स्वयं को मजबूर एवं कमजोर साबित करने में सक्षम नजर आते हैं । 



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